Sovereign Gold Bond: मोदी सरकार ने FY में अंतिम बार दिया सस्ते में गोल्ड खरीदने का मौका, 28 फरवरी को खुलेगी किस्मत की चाबी
Sovereign Gold Bond: मोदी सरकार ने साल 2021-22 वित्त वर्ष के आखिर में आखिरी बार सस्ते में सोना खरीदने का विकल्प दिया है। Sovereign Gold Bond साल की आखिरी सीरिज की खरीदारी सोमवार 28 फरवरी से खुल चुकी है और ये 4 मार्च को बंद हो जाएगी। ऐसे में आपके पास सस्ते में सोना खरीदने के लिए 5 दिन का समय होगा। इस बार एक ग्राम सोने की कीमत 5,109 रुपये तय की गई है। ऑनलाइन पेमेंट करने पर 50 रुपये की छूट भी मिलेग।, यानी आपको 5059 रुपये देना होगा, तो आपके और निवेशकों के लिए अच्छा मौका है।
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सरकार द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता। हालांकि, ये गोल्ड फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। अभी मार्केट में 1 ग्राम गोल्ड का रेट 5100 रुपये के आसपास है। ऐसे में आपको मोदी सरकार सस्ते में गोल्ड बेच रही है।
कैसे खरीद सकते हैं सोना
इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी आप मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे NSE, BSE से कर सकते हैं। इसके अलावा आपका अपना बैंक पब्लिक सेक्टर या प्राइवेट बैंक भी गोल्ड बॉन्ड को खरीदने का विकल्प देते हैं। स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) और पोस्ट ऑफिसों से भी से इसकी खरीद की जा सकती है। ये ध्यान में रखें कि स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों से इसकी बिक्री नहीं होती।
इतना मिलेगा ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) की परिपक्वता अवधि 8 सालों की होगी। इसमें 5 साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तारीख पर बॉन्ड से निवेश निकालने का भी विकल्प होगा। इसमें आप 1 ग्राम सोने की खरीदारी से निवेश कर सकते हैं। इस इश्यू में 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलेगा। ये ब्याज हर 6 महीने में आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा।
मिलती है टैक्स छूट
इसकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर आयकर नियमों के तहत छूट के साथ और कई लाभ मिलेंगे। सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए यह वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी कड़ी है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितंबर के बीच छह किस्तों में जारी किए जाएंगे।
2015 में शुरू हुई थी योजना
सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत 2015 में की थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bond) गवर्नमेंट सिक्योरिटीज हैं। ये फिजिकल गोल्ड के विकल्प के तौर पर शुरू किया गया।
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