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मांडव में घुमने के लिए प्राचीन इमारते और महल




1. रानी रूपमती का महल – रानी रूपमती का महल मांडव के सबसे खुबसूरत स्थानों में से एक है | ये महल ऊंचाई पर स्थित है जिसके कारण यहाँ से निचे का हराभरा नजारा बहुत ही खुबसूरत नजर आता है, यह महल रानी रूपमती और बाजबहादुर की प्रेम की निशानी है | कहा जाता है महल से दिखने वाली नर्मदा नदी बहुत ही खुबसूरत दिखती थी जिसके प्रति रानी की दीवानगी इस कदर थी की सुबह उठते ही उन्हें सबसे पहले नर्मदा नदी के दर्शन की आदत सी हो गयी थी जब तक उन्हें इसका दीदार न हो वो जल भी ग्रहण नही करती थी | इस महल को रानी रूपमती का मंडप कहा जाता है | इस पर बनी हुई कलाकृतिय बलुआ पत्थर पर बनी हुई है |



2. राजा बाजबहादुर का महल – राजा बाजबहादुर का महल 16वीं में बना इतिहास की एक अद्भुत कला का बेहतरीन नमूना है | बाजबहादुर का महल रानी रूपमती के मंडप महल के निचे की और स्थित है इस महल में बड़े बड़े हाल, ऊँची छाते और बड़े और खुबसूरत आँगन बने हुए है | इस महल को रूपमती के मंडप से बाजबहादुर के महल को देखा जा सकता है | ये स्थान पर्यटकों को हमेशा अपनी और आकर्षित करता है |



3. मांडवगढ़ तीर्थ – मांडवगढ़ तीर्थ 14वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर भगवान सुपार्श्वनाथ को समर्पित है | यहाँ तकरीबन 300 जैन मंदिर थे, जिनका इतिहास आज से करीबन 600 से 700 साल पुराना बताया जाता है | यहाँ भगवान सुपार्श्वनाथ के अलवा भगवान शांतिनाथ की भी एक निम्न आकर की मूर्ति बनी हुई है | इसके अलवा यहाँ और भी कई मंदिरों के अवशेष मिलते है जिनका इतिहास से गहरा नाता है | श्री मांडवगढ़ में भगवान सुपार्श्वनाथ की एक बड़ी प्रतिमा भी स्थापित है जिसकी ऊंचाई लगभग 91.54 सेमी है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है |



4. हिंडोला महल – हिंडोला महल का इतिहास आज से तक़रीबन 600 साल पुराना है जिसे 15वीं शताब्दी में होशंग शाह ने अपने शासनकाल में बनवाया था | इस महल का आकर T के रूप में बना हुआ है | इस महल को इतनी सादगी से बनाया गया है की आज इसे ऑडियंस हाल या ओपन थिएटर के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है | इस महल को बलुआ पत्थर से बनाया गया जिस पर उरेकी गयी वास्तुकला बेहद आकर्षण का केंद्र है | जो इसे यहाँ स्थित बाकि महलों से अलग करती है | इस महल में भूमिगत कमरे भी बने हुए है जिनमे गर्म और ठन्डे पानी के व्यवस्था हुआ करती थी, जिसमे नक्काशीदार स्तम्भ थे | जिसके कारण ये महल यहाँ के बाकि महलों से ज्यादा आकर्षित है |




5. रेवा कुंड – रेवा कुंड मांडव में स्थित एक दार्शनिक झील है जिसके आस पास का प्राकृतिक सौन्दर्य बहुत ही मनमोहक है | इस झील को खास रानी रूपमती के लिए बाजबहादुर ने बनवाया था जिसका मुख्य उद्देश्य रानी के महल में जल की आपूर्ति को पूर्ण करना था | ये झील रानी मंडप से निचे की और है | महल से देखने पर इस झील का नजारा बेहद ही खुबसूरत और आकर्षित लगता है |



6. जहाज महल – जैसा की इस महल का नाम है वैसा ही इसका दृश्य भी है, महल को जहाज महल कहने के पीछे का कारण है इसकी बनावट, इस महल को दो कृतिम झीलों के बिच बनाया गया है जिसके कारण ये महल तेरता हुआ दिखाई पड़ता है जिसके कारण ही इसे जहाज महल कहा जाता है | मांडव में आने वाले सभी पर्यटकों के लिए जहाज महल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है | इस महल का निर्माण 15वीं शताब्दी का बताया जाता है |




इसके अलवा भी मांडव में बहुत से प्राचीन महल है जिसे आप अपनी यात्रा के दौरान देख पाएंगे,

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